बेहट सहित अन्य ऐतिहासिक स्थानों को विकसित करने 9.14 करोड़ की कार्ययोजना

 ग्वालियर | संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट सहित इस क्षेत्र के अन्य ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने के लिये लगभग 9 करोड़ 14 लाख रूपए की कार्ययोजना बनाई गई है। यह कार्ययोजना राज्य सरकार ने अनुमोदित कर दी है और   केन्द्र सरकार को मंजूरी के लिये भेज दी गई है। इस आशय की जानकारी प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने दी। श्री कुशवाह ने बुधवार को क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर के साथ बेहट में लगभग 2 करोड़ 14 लाख रूपए लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन किया।

   जिन कार्यों का भूमिपूजन किया गया, उनमें लगभग एक करोड़ 31 लाख रूपए से अधिक लागत का नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन, 500 मैट्रिक टन क्षमता का खाद गोदाम व कार्यालय तथा सुर सम्राट तानसेन की साधना स्थली झिलमिल नदी के जीर्णोद्धार से संबंधित लगभग 43 लाख रूपए के विकास कार्य शामिल हैं।   

श्री कुशवाह ने कहा तानसेन की जन्मस्थली बेहट, भदावना,  काशीबाबा देव स्थल, देवगढ़ किला एवं जागेश्वर मंदिर को जोड़ते हुए एक टूरिस्ट सर्किट की कार्ययोजना बनाई गई है। इस टूरिस्ट सर्किल को दतिया जिले में स्थित प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर, पीताम्बरा माई एवं ओरछा टूरिस्ट सर्किट से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा मुरार ग्रामीण क्षेत्र में स्थित इन ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व के पर्यटन स्थलों के सौंदर्यीकरण व जीर्णोद्धार की कार्ययोजना जल्द ही मूर्तरूप लेगी।