भोपाल : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि प्रदेश में विद्युत क्षेत्र के विकास और विस्तार के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेशवासियों को भरपूर एवं निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक कदम उठाए जा रहे है। प्रदेश में विद्युत उपलब्ध क्षमता 30 नवम्बर 2020 की स्थिति में 21 हजार 220 मेगावाट हो गई। विगत 22 दिसम्बर को इतिहास में सर्वाधिक 15 हजार 21 मेगावाट मांग की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। वित्तीय वर्ष 2021-22 में विद्युत उपलब्ध क्षमता में 1426 मेगावाट वृद्धि की योजना है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में विद्युत पारेसन हानियां अब मात्र 2.59 प्रतिशत रह गई है, यह पूरे देश में न्यूनतम हानियों में से एक है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप 2023 के अंतर्गत भविष्य की विद्युत मांग की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये पारेषण प्रणाली के विस्तार कार्यक्रम मे ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर एवं टैरिफ आधारित अति उच्च दाब उपकेन्द्रों एवं उनसे संबंधित लाइनों के निर्माण कार्य को सम्मिलित किया गया है।
प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ता जो संबल योजना के हितग्राही है एवं जिनके माह अप्रैल 2020 में देयक की राशि 100 रूपये तक थी, उनके आगामी तीन माह में देयक राशि 100 रूपये तक आने पर इन माहों में 50 रूपये प्रतिमाह लिया गया। ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनके अप्रैल 2020 मे की देयक की राशि 100 रूपये तक थी उनके आगामी 3 माह में देयक राशि 100 से 400 तक आने पर इन तीन माहों में मात्र 100 रूपये प्रतिमाह की राशि का भुगतान लिया गया। ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनकी अप्रैल 2020 में देयक राशि 100 रूपये से अधिक परंतु 400 या उससे कम थी, उनके आगामी तीन माह देयक राशि 400 से अधिक आने पर इन तीन माह में देयक की राशि का मात्र 50 प्रतिशत लिया गया है। प्रदेश के निम्नदाब, गैर घरेलू एवं निम्नदाब औद्योगिक उच्च दाब टैरिफ एचव्ही 3 उपभोक्ताओं के अप्रैल, मई एवं जून 2020 के विद्युत देयकों में स्थायी प्रभार की वसूली को अस्थगित किया गया था। उपभोक्ताओं द्वारा लॉकडाउन के चलते अप्रैल एवं मई माह के विद्युत बिलों का भुगतान नियत तिथि तक करने पर एक प्रतिशत की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि आगामी बिल में दी गई है। इन निर्णयों से उपभोक्ताओं को लगभग एक हजार करोड़ से अधिक की राहत प्रदान क गई है।