फल-सब्जियों के वैल्यू एडीशन और मार्केटिंग पर व्यय होंगे 7 हजार 440 करोड़ रूपए

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत 'एक जिला एक उत्पाद' योजना प्रारंभ की गई है। इसमें प्रत्येक जिले के एक उत्पाद को बढ़ावा देकर व्यापक रूप से प्रचारित किया जाएगा। जिलों में पैदा होने वाली फल-सब्जी और फसलों की ग्रेडिंग, पैकिंग तथा बेहतर मार्केटिंग के लिये अगले चार साल में 7 हजार 440 करोड़ रूपए खर्च कर आवश्यक नेटवर्क विकसित किया जायेगा। हमारा उद्देश्य है कि किसान को उसके उत्पाद का वाजिब मूल्य मिले। कृषि उत्पादों के वेल्यू एडिशन के लिए राज्य सरकार हरसंभव कदम उठाएगी। जिलावार 17 कृषि उत्पादों और तकनीकी रूप से आवश्यक 36 गतिविधियों का चिन्हांकन कर लिया गया है। प्रत्येक स्तर पर आवश्यक मार्गदर्शन के लिये तकनीकी विशेषज्ञों, कृषि वैज्ञानिकों और वित्तीय तथा व्यापार प्रबंधकों की सेवाएं ली जाएंगी।
 श्री चौहान आज मंत्रालय में आयोजित मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर कृषि मिशन-एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड की बैठक को संबोधित कर रहे थे। किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, किसान कल्याण राज्य मंत्री  गिर्राज दंडोतिया, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त के.के. सिंह आदि उपिस्थत थे।
अधिकतम दो करोड़ की क्रेडिट गारंटी और ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि उत्पादों से संबंधित इकाईयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तर पर मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर कृषि मिशन कार्यालय की स्थापना की गई है। इसमें कृषि, सहकारिता, मत्स्य पालन उद्यानिकी तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को पदस्थ किया जा रहा है। यह मिशन अधिकतम दो करोड़ रूपए तक की क्रेडिट गारंटी देगा, ब्याज में तीन प्रतिशत तक की छूट का भी प्रावधान रहेगा। यह मिशन राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट तथा सिंगल विण्डो फैसेलिटी के रूप में कार्य करेगा। इसके तहत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना, निवेश क्षेत्र व एक्सपोर्ट क्लस्टर की पहचान, जिला स्तर पर विस्तृत प्रशिक्षण तथा गतिविधियों व सूचनाओं को डिजीटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराना आदि कार्य किए जाएंगे। मिशन द्वारा 15 बैंक से एम.ओ.यू.किया गया है।