सिंधिया, सुमेर सिंह और दिग्विजय सिंह राज्यसभा के लिए निर्वाचित


भोपाल। जैसी की उम्मीद थी मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट हासिल हो गई। भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया व सुमेरसिंह सोलंकी तथा कांग्रेस के दिग्विजय सिंह शुक्रवार को विजयी घोषित किए गए। कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया चुनाव हार गए। उन्हें जीतने के लिए जरूरी मतों से 16 मत कम मिले। सबसे ज्यादा 57 वोट दिग्विजय सिंह को, 56 सिंधिया को और 55 वोट सुमेरसिंह सोलंकी को मिले। बरैया के खाते में 36 वोट आए। दो वोट निरस्त हुए।
मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान किया गया। शाम पांच बजे से मतगणना शुरू हुई और लगभग दो घंटे बाद नतीजे घोषित किए गए। भाजपा को दो सीटों पर जीत मिली है तो कांग्रेस को एक सीट पर संतोष करना पड़ा है। तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में थे।
सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान हुआ। इसमें 206 विधायकों ने हिस्सा लिया। करीब चार घंटे मतदान चला। सबसे पहले भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मतदान किया तो सबसे आखिरी मत कांग्रेस के कुणाल चौधरी का रहा। चौधरी कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से पीपीई किट में मतदान करने आए थे। उनका मत भी लिफाफे में अलग रखा गया।
शाम पांच बजे से मतगणना शुरू हुई और करीब सात बजे तस्वीर साफ हो गई। एक सीट को जीतने के लिए 52 मतों की दरकार थी। दिग्विजय सिंह और फूलसिंह बरैया के वोट मिलाकर कांग्रेस प्रत्याशियों को 93 मत मिले हैं, जबकि कांग्रेस के विधायकों की कुल संख्या 92 है। चुनाव के लिए कांग्रेस दल के प्रतिनिधि रामेश्वर नीखरा ने बताया कि हमारे एक विधायक का मत भाजपा ने निरस्त कराया है।
वहीं, भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया को 56 और सुमेर सिंह सोलंकी को 55 मत मिले हैं। भाजपा के विधायकों की संख्या 107 है। बताया जा रहा है कि पार्टी के एक विधायक का मत निरस्त हुआ है। दोनों दलों के प्रतिनिधियों की सहमति से विधिमान्य नहीं पाए गए मतों को निरस्त किया गया। उधर, बसपा और सपा विधायकों ने दावा किया है कि उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों को मत दिया है। निर्दलीयों को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि कांग्रेस को एक मत निरस्त होने के बाद भी दो मत अधिक मिले हैं। पीठासीन अधिकारी ने चुनाव परिणाम घोषित करने के लिए निर्धारित प्रपत्र में सूचना चुनाव आयोग को भेज दी है।