21 जून 2020 सूर्य ग्रहण समय सुबह 10 बजे बजकर 31 मिनट से शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 4 मिनट तक रहेगा-दिन रविवार 21 जून 2020 को खण्ड सूर्य ग्रहण है, यह पूरे देश में दिखाई देगा। कृष्ण पक्ष की अमावस्या को लगने वाला यह ग्रहण मिथुन राशि पर हो रहा है, मिथुन राशि में ग्रहण होने के कारण इसका सबसे ज्यादा प्रभाव व्यापारी वर्ग में देखने को मिलेगा। यह ग्रहण व्यापार को नुकसान पहुँचाने वाला होगा। सूर्य ग्रहण का जो प्रभाव होता है वह एक माह तक ही देखा जा सकता है। इसके बाद नहीं, तो ज्यादा डरने व घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह ग्रहण व्यापारी वर्ग को ज्यादा कष्ट प्रदान करने वाला होगा। ग्रहण के इस काल में शुअवसर भी है। साधकों के लिए ग्रहण का यह काल एक महान शुअवसर है। इसका लाभ उठाना चाहिए। इस ग्रहण में आप हर प्रकार की साधना कर सकते हैं। कोई भी तंत्र-मंत्र सिद्धियां प्राप्त करने के लिए इस ग्रहण को प्रयोग में ले सकते है।
मंत्र सिद्धी करने का सबसे अच्छा समय है।
नक्षत्र - आद्रा 2 चरण, स्वामी - राहु
नक्षत्र - मृगशीर्षा - 2 चरण, स्वामी मंगल
यह राशि फल अपनी तय राशि के आधार पर देखे-
(1) मेष राशि:- मेष राशि के आधार पर देखा जाए तो यह ग्रहण परक्रमा भाव के ग्रहण हो रहा है। तो यह ग्रहण मेष (जातकों) राशि के जातकों के लिए अच्छा है, लाभ प्रदान कराने वाला है। 3 भाव , 8 से 8 भाव है तो यह ग्रहण आपको हर प्रकार से लाभ प्रदान करेगा, नुकसान से बचायेगा। यह ग्रहण आपको सपोर्ट करेगा।
(2) वृष राशि:- वृष राशि जातकों के लिए यह ग्रहण अच्छा नहीं है, क्योंकि वृष राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण धन भाव में हो रहा है। धन भाव होने के कारण यह धन का नाश, हानि करने वाला होग। व्यर्थ में परेशानी, परिवार के सदस्यों में मतभेद पैदा होगा, वाणी के चलते आपके काम खराब हो सकते हैं। इस ग्रहण के प्रभाव को एक माह तक ही विचार यानी इसका प्रभाव रहेगा।
(3) मिथुन राशि:- यह ग्रहण मिथुन राशि पर हो रहा है। सबसे ज्यादा प्रभाव इस राशि पर रहेगा। इस ग्रहण को आपको नहीं देखना चाहिए, घर में रहें, सेहत से सम्बंधित परेशानी रह सकती है। कार्यक्षेत्र, घर के माहौल आदि में परेशानी पैदा कर सकता है सेहत खराब, चोट लगना आदि से सावधान रहना है।
(4) कर्क राशि:- कर्क राशि में यह यह ग्रहण 12 प्रभाव में हो रहा है यह ग्रहण व्यय कारक होकर आऐगा, यह व्यय को अधिक बढ़ा देगा। आपका खर्चा, व्यय ज्यादा हो सकता है। यात्रा भी होगी, यात्रा में कष्ट भी हो सकता है। चिंता , अनेक प्रकार की परेशानी, नींद ठीक से ना आना। कोई भी गैर कानूनी कार्य अगर आप करते हैं तो परेशानी बढ़ सकती है, सावधान रहना है।
(5) सिंह राशि:- सिंह की राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण लाभ वाला है क्योंकि यह ग्रहण लाभ भाव में हो रहा है। 6 से 6 भाव में हो रहा है, यह आपको लाभ ही लाभ प्रदान करेगा। आपको इससे कोई कष्ट नहीं होगा।
(6) कन्या राशि:- कन्या राशि जातकों के लिए भी यह ग्रहण लाभ, फायदा लेकर आ रहा है। यह ग्रहण आपके सुखों में वृद्धि कराने वाला होगा।
(7) तुला राशि:- यह ग्रहण तुला राशि वालों के लिए नुकसान देने वाला होगा यह ग्रहण 9 भाव में होगा। काम होते-होते रह सकते हैं। कार्य में बाधा हो सकती है। यश कभी आए ऐसा काम नहीं करना।
(8) वृश्चिक राशि: - इस राशि के जातकों के 8 भाव में होगा जो की मृत्यु का घर है। यह ग्रहण 8 भाव में अच्छा नहीं होगा। कई प्रकार की परेशानियां आ सकती हैं। घर से परिवार से परेशानी, कष्ट कष्ट दे सकता है। सावधानी रखनी है।
(9) धनु राशि:- धनु राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण जीवन साथी को कष्ट दे सकता है। जीवन साथी के कार्यक्षेत्र में कष्ट दे सकता है। कोई ग्रहणी (भ्वनेम ॅपमि) हो तो उनको कष्ट हो सकता है। सेहत में परेशानी हो सकती है। उनका ध्यान रखना है। एक माह तक प्रभाव रह सकता है।
(10) मकर राशि:- यह ग्रहण मकर राशि वालों के लिए बहुत लाभ वाला है फायदेमंद है। यह ग्रहण आपको हर प्रकार से सुखी करने आ रहा है। रोग, रिपु, ऋण से मुक्ती मिलेगी।
(11) कुंभ राशि:- कुंभ राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण आपकी संतान को लेकर थोड़ी परेशानी हो सकती है। जुआ में नुकसान, आदि ज्यादा परेशानी नहीं होगी। सावधान रहें।
(12) मीन राशि:- मीन राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण घर का माहौल खराब कर सकता है, माता की सेहत में परेशानी आ सकती है, मानसिक पेरशानी हो सकती है। सावधान रहना ।
इस ग्रहण काल में सब राशि के जातकों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए, एक माला (108) बार प्रतिदिन करनी चाहिए। ऐसा करने से ग्रहण के बुरे परिणामों से बचा सकता है।
20 जून को ही रात 10 बजकर 20 मिनट से सूतक काल शुरू हो जाएगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त एहतियात बरतनी चाहिए।
बालक, बुजुर्ग और मरीजों को छोड़कर दूसरे लोगों को भोजन का त्याग करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण (त्पेम व िथ्पतम) कुड़लाकार ग्रहण बनाता है जो कि सूर्य ग्रहण से अलग होता है।
खासकर गर्भवती महिलाओं को सन्तान गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए।
किसी भी व्यक्ति को नन्न आँखों से यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए, नहीं तो आँखों को नुकसान पहुँच सकता है।
ग्रहण काल के समय सूर्य देव की उपासना व मंत्रों का जाप करना चाहिए।
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आचार्य अरूण कुमार