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संंस्कारों के अभाव में होते हैं अपराध : संतश्री मुरलीधर महाराज
- समाज में धन की नहीं संस्कार की प्रधानता होनी चाहिए
- धनुष यज्ञ के प्रसंग में श्रद्धालुओं ने धनुष लिए भगवान राम की उतारी आरती
श्रीराम कथा आयोजन समिति के प्रबक्ता बलवंत सिंह रघुवंशी भोपाल
जीवन में अगर संस्कार नहीं हैं तो संस्कृति को पतन से कोई नहीं बचा सकता। आज हमारे जीवन में संस्कारों की निरंतर कमी हो रही है। फलस्वरूप अपराध और असामाजिक तत्वों का मानव समाज में जाल सा बिछता जा रहा है। यह बात जोधपुर राजस्थान से पधारे प्रख्यात संतश्री मुरलीधर महाराज ने भेल के जंबूरी मैदान में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा के चौथे दिन शनिवार को हजारों श्रोताओं को संबोधितकरते हुए कही। उन्होंने रामचरित मानस की चौपाइयों का विस्तार से संगीतमय वर्णन करते हुए कहा कि रावण ने माता सीता का हरण कर उन्हें अशोक वाटिका में रखा,
संस्कारो के अभाव में होते हैं अपराध : संतश्री मुरलीधर महाराज